पूर्व शहर काजी कारी सैय्यद मकबूल हुसैन के जनाजे में उमड़ा जनसैलाब

0

 पूर्व शहर काज़ी क़ारी सैय्यद मक़बूल हुसैन के जनाजे में उमड़ा जनसैलाब

प्रयागराज। शहर के मशहूर और लोकप्रिय पूर्व शहर काज़ी व चौक जामा मस्जिद के पूर्व इमाम क़ारी सैय्यद मक़बूल हुसैन हबीबी के इंतक़ाल के बाद उनकी नमाज़े जनाज़ा में एक बेमिसाल जनसैलाब उमड़ पड़ा। उनका इंतक़ाल शुक्रवार की रात करीब 11:45 पर  को हुआ, और उनकी नमाज़े जनाज़ा शनिवार रात 9 बजे  शहर की ऐतिहासिक चौक जामा मस्जिद में अदा की गई। बड़ी संख्या में लोग उन्हें आखिरी विदाई देने के लिए मस्जिद और आसपास की गलियों में जमा हो गए थे। हर आंख नम थी और माहौल ग़मगीन।

शहर के कोने-कोने से लोग नमाज़े जनाजा में शामिल हुए। जहां  क़ारी साहब ने अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा इस्लामिक न्याय, शिक्षा और  में गुजारा था। उनके पास न सिर्फ धार्मिक विद्वता थी, बल्कि वह समाज के हर तबके में एक आदर्श और मार्गदर्शक के रूप में जाने जाते थे। उनकी शख्सियत ऐसी थी कि उन्होंने शहर के छोटे-बड़े मसलों को बड़े धैर्य और समझदारी से सुलझाया दिया करते थे

जनाज़े में शामिल होने वाले लोग न सिर्फ शहर से, बल्कि आसपास के गांवों और दूसरे शहरों से भी आए थे। लोगों का हुजूम चौक जामा मस्जिद से लेकर उनके पैतृक निवास तक फैला हुआ था, जहां बाद में उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया। जनाज़े के दौरान पूरा शहर ग़म में डूबा हुआ दिखाई दिया। हर वर्ग और समुदाय से लोग इस मौके पर मौजूद थे, जो उनके प्रति सम्मान और प्यार का प्रतीक था।

क़ारी साहब के पैतृक निवास रसूलपुर पर भी लोगों का तांता लगा रहा, जहां उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया। इस दौरान उनके परिवार के साथ लाखो लोग दुख की इस घड़ी में शरीक हुए।

शहर की प्रमुख हस्तियों ने भी इस मौके पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। उनकी मौत से शहर ने एक ऐसा क़ीमती रत्न खो दिया है, जिसकी चमक हमेशा के लिए बरकरार रहेगी।



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

@AVS

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top