नैनी, प्रयागराज स्थित फूल मंडी क्षेत्र की बस्ती में प्रस्तावित ध्वस्तीकरण कार्यवाही को रोकने एवं पुनर्वास की व्यवस्था हेतु क्षेत्र वासियों ने किया ज्ञापन के माध्यम से अपर जिलाधिकारी (नगर) प्रयागराज से निवेदन।
सविनय निवेदन है कि हम, अपर जिलाधिकारी (नगर), प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के माध्यम से, प्रयागराज जनपद अंतर्गत नैनी फूल मंडी क्षेत्र में स्थित बस्ती के निवासीगण, यह प्रार्थना-पत्र आपके कर-कमलों में सादर प्रस्तुत कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि यह बस्ती विगत कई वर्षों से आबाद है, जिसमें लगभग 300 परिवार निवासरत हैं। इन परिवारों में अधिकांश लोग निर्धन, श्रमिक, विधवा महिलाएं, वृद्धजन, अनाथ बालक-बालिकाएं एवं निम्न आय वर्ग से संबंधित हैं, जिनका जीवन-यापन स्थानीय स्तर पर की जाने वाली छोटी-मोटी मजदूरी, ठेला-रेहड़ी, फेरी, दिहाड़ी कार्य आदि पर निर्भर है।
हाल ही में प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) द्वारा इस बस्ती को "अवैध" घोषित करते हुए, दिनांक 12 सितंबर 2025 तक ध्वस्तीकरण की कार्यवाही हेतु नोटिस जारी किया गया है।
यदि इस बस्ती को बिना किसी वैकल्पिक पुनर्वास योजना के हटाया गया, तो यह एक अत्यंत गंभीर मानवीय संकट उत्पन्न कर सकता है, जिससे सैकड़ों गरीब एवं कमजोर वर्ग के नागरिक बेघर व बेसहारा हो जाएंगे।
क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि हमलोग इस संबंध में पूर्व में हम माननीय महापौर महोदय को भी एक प्रार्थना-पत्र सौंप चुके हैं, जिसकी प्रति इस पत्र के साथ संलग्न की जा रही है।
अतः हम, समस्त बस्तीवासी, केंद्र सरकार से करबद्ध प्रार्थना करते हैं कि मानवीय संवेदना के साथ निम्नलिखित मांगों पर यथोचित विचार किया जाए:
क्षेत्र वासियों कीप्रमुख मांगेंः
1. प्रस्तावित ध्वस्तीकरण कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाई जाए।
2. सभी प्रभावित परिवारों की व्यक्तिगत सुनवाई कर उनके दस्तावेजों का निष्पक्ष सत्यापन कराया जाए।
3. जब तक पुनर्वास की समुचित एवं स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित नहीं हो जाती, तब तक किसी भी प्रकार की हटाने की कार्रवाई स्थगित रखी जाए।
इस संबंध में हम मीडिया माध्यमों के द्वारा भी अपनी व्यथा को उजागर कर चुके हैं तथा एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई है, जिसकी प्रति इस पत्र के साथ संलग्न है।
हमें आशा है कि माननीय प्रधानमंत्री महोदय हमारी समस्याओं पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए उचित निर्देश प्रदान करेंगे, जिससे हमें न्याय मिल सके और हम पुनः सामान्य, सम्मानजनक जीवन जी सकें।