मन को बच्चा बनाए रखिए डॉ रश्मि शुक्ला

0

 मन को बच्चा बनाए रखिए: डॉक्टर रश्मि शुक्ला 


प्रयागराज: सामाजिक सेवा एवं शोध संस्थान ने बाल दिवस धूम-धाम  से मनाया।

इस कार्यक्रम की विशेषता थी कि इसमें सभी ग्रहणीयो नेअपना बचपन याद किया "हम पचपन मन मेरा बचपन"। कई तरह कि प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।अपने बच्चों के नाम बताइए जिसमें प्रथम पुरस्कार समीना को प्राप्त हुआ।दौड़ में नीलिमा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।गायन प्रतियोगिता में शोभा जयसवाल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।उल्टे चलना जिसमें छाया ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।रचना ने सबसे ज्यादा लम्बी छलांग में प्रथम स्थान प्राप्त किया। सबका उत्साह खुशी हंसी देखकर सबको बहुत अच्छा लग रहा था।सामाजिक सेवा एवं शोध संस्थान कीअध्यक्ष एवं समाज सेविका डॉ रश्मि शुक्ला ने कहा कि हम ग्रहणीयाँ अपने परिवार के जिम्मेदारियों में इतना गंभीर हो जाती हैं कि वो भूल जाती हैं की कभी हमारा भी बचपन कितना प्यारा था। आज उसी बचपन को हम लोगों ने याद किया दिल तो बच्चा है इस कहावत को सच किया। बच्चों क चाहू मुखी विकास हो इसके लिए प्रत्येक माँ का दायित्व सबसे महत्वपूर्ण होता है।इतिहास गवाह है बच्चा गर्भावस्था से ही सीखना शुरू कर देता है।बेटा बेटी में कोई अंतर नहीं रखना चाहिए। उनके पालन पोषण में समान व्यवहार करना चाहिए। अच्छा पालन पोषण से ही एक अच्छा समाज बनता है।भारत की संस्कृति,संस्कार,इतिहास प्रत्येक बच्चे को जानना चाहिए।

विधा ने कहा मनुष्य के जीवन में कितना ही बड़े से बड़ा काम क्यों ना हो उसको करने की शक्ति का उद्भव माँ से ही होता है।अन्नपूर्णा ने कहा किसी काम के अभिलषित परिणाम में अमृत का गुण भर देना,यह शक्ति सिवाय माँ के और किसमे है।संसार में जो कुछ भलाई हुई है या होगी,उस सब का मूल सदा प्रयत्न है और इस प्रयत्न की जान माँ है। सुमन ने कहा माँ ही  हमारा ऐसा सच्चा साथी है जो लड़कपन से बड़े होने तक साथ देता है और माँ ही द्वारा उत्पन्न वे भाव हैं जो हमें अच्छे कार्य करने के लिए संकल्प कराते हैं।कार्यक्रम में सबने गीत-संगीत कि प्रस्तुती दी।



नीलिमा ने बाल दिवस क्यों मनाते हैं यह बताया। इंदिरा,डॉली,किरण,मोन्टू,नीतू,रचना,संगीता, शकीला,सिंपल,शालू ने अपना बचपन पर चर्चा की सबको खूब हँसाया।रचना ने कहा हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए हमारे हृदय में एक छोटा सा बच्चा अवश्य होना चाहिए आज का दिन हम लोगों ने बाल दिवस मना कर अपना बचपन कुछ घंटे के लिए पुनः वापस कर लिया। सभी ने अपने हाथों से बना पकवान को मिलजुल के खाया।सर्वप्रथम केक काटा और बाल दिवस को अनेक शुभकामनाएं दी बच्चों से ही हमारा घर आँगन खुशहाल रहता है।सब ने अपने अनुभव बाटे।आशीर्वाद खूब खुशियो संग बच्चों को शुभकामनाएँ दी। किरण ने कहा माँ का दायित्व जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है हर बच्चे के जीवन में माँ की भूमिका अहम रहती है सांगीता ने कहा हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों को संस्कृति से युक्त और समाज के हित में उसको शिक्षा दे मिलजुल कर रहना सिखाएं।भारत का उत्तम नागरिक बनाना हर माँ का कर्तव्य है।देश के हित में समाज के हित में पर्यावरण,स्वच्छता पशु,पक्षी मानव के हित में जीवन होना चाहिए।भारत के प्रत्येक बच्चे के उज्जवल भविष्य की हम कामना करते हैं। डॉली ने सबको धन्यवाद ज्ञापन देकर कार्यक्रम का समापन हुआ।



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

@AVS

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top