स्वच्छता भारत मिशन को आइना दिखा रहा शाह उर्फ पीपल गांव

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 उत्तर प्रदेश प्रयागराज ।

स्वच्छ भारत मिशन को आइना दिखा रहा , शाह पीपल गांव,

चुनाव सामने आते ही खुलने लगी 5 वर्षो के नेता जी की पोल

 20 साल में स्वक्षता मिशन के के मद्देनजर 20 रूपये भी  खर्च नहीं किए गए हैं। 

लोक सभा चुनाव सामने आते ही खुलने लगी 5 वर्षो के नेता जी की पोल जहां एक तरफ केन्द्र व राज्य में चल रही सरकार के द्वारा स्वक्षता अभियान को लेकर भरे मंच छाती ठोक कर सम्पूर्ण भारत को स्वक्ष कर देने का दावा और समर्थकों द्वारा वकालत करने में कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है 

वहीं दूसरी ओर असल में जमीनी हकीकत क्या है आइए हम आपको दिखाते हैं।


मामला प्रयागराज, एयरपोर्ट थाना अंतर्गत शाह उर्फ पीपल गांव का है जहां एक पुराना तालाब सफाई के अभाव में भोले भाले ग्राम वासियों के लिए प्राण घातक साबित हो रहा है। बताते चलें कि प्रयागराज के इस गांव की गलियों से लेकर घरों के अंदर तक इस दलदल रूपी तालाब का कहर झेलना पड़ रहा है। 

बात की जाए देश के भविष्य कहे जाने वाले 

स्कूली बच्चे बच्चियों की तो  तालाब से ही होकर ही गुजरते हैं 

जिसे ले कर अभिवावकों मे एक डर का माहौल बना रहता है।

 इतना ही नहीं 20 वर्सों में न जानें कितने बच्चे बच्चियों समेत नौजवान और बूढ़ों को नर्क रूपी तालाब , गांव की गलियों में बहने वाला कीटाणु युक्त गंदे पानी की वजह से आए दिन अनेक गभीर विमारियों से जूझते नजर आते हैं।

सावधानी हटी और दुर्घटना घटी जैसी कहावत यहां चरितार्थ होती नजर उसी वक्त से आने लगती है जब बरसात की पहली बूंद का संपर्क शाह उर्फ पीपल गांव मे स्थित तालाब के साथ पुरी बस्ती मे साल के 365 दिन बदबू की सौगात देने वाली और बीमारियों को जन्म देने वाली खुली हुई नाली से होता हैं।

तालाब, नाली, रास्ता, के साथ सांप, बिच्छू, अन्य जीव जंतु से आतंकित ग्रामीणों ने और क्या कुछ कहा सुनने के लिए।

आईए रुख करते हैं प्रयागराज की शाह उर्फ पीपल गांव की ओर देखते हैं 

जहां सफाई नहीं की गई है जिसके चलते तालाब ने दल दल जैसा रूप ले लिया है एक गंभीर समस्या का रूप धारण कर लिया है इस तालाब से पूरे गांव वासी परेशान हैं स्कूल से आने जाने वाले बच्चे इन तालाब से होकर ही गुजरते हैं जिससे उसमें गिरने की आशंका बनी हुई है आज से कई साल पहले दो लोग व्यक्तियों की इसमें डूब कर मौत हो भी हो चुकी है जरा सी सावधानी हटी और दुर्घटना घटी जैसी कहावत यहां चरितार्थ होती नजर आती है  स्वच्छ भारत मिशन के अवधारणा को तार-तार करता यह तालाब गंदगी का पर्यायवाची बन चुका है बरसात के मौसम में तो यह समस्या और भी खतरनाक  हो जाती है सांप बिच्छू जैसे खतरनाक जंतुओं का  खतरा बना रहता है कई बार इस तालाब से सांप निकल कर के ग्रामीण के घरों में  घुस जाते हैं अभी कुछ समय पहले ही एक घर में एक सांप घुस गया जिसने एक बच्चे को काट लिया काफी झाड़ फूंक आदि के बाद भी उस बच्चें की जान चली गई ग्राम वासियों  का कहना है कि यह समस्या आज से नहीं कई सालों से है गांव की कई महिलाओं एवं पुरुषों ने अपनी समस्या से अवगत कराते हुए बताया कि पूरा गांव इस  समस्या से त्रस्त हो चुका है लेकिन इस समस्या से अभी तक निजात नहीं मिल सकी है यहां तक की वहीं पर स्थित एक काली के मंदिर भी इस समस्या कि जद      मे आ चुका है लोग को जल चढ़ाने के लिए इसी गंदे पानी से होकर मंदिर को जाना पड़ रहा है आज तक सप्लाई वाला पानी की वहां पर सुविधा उपलब्ध नहीं है या तो सबमर्सिबल से पानी लिया जाता है या पानी लोग इधर-उधर से भरते हैं इस गंदगी के कारण कई तरीके की बीमारियों ने भी जन्म ले रखा है जिसमें डेंगू मलेरिया आदि जो मच्छरों से होने वाली बीमारियां   प्रमुख है.         



स्थिती इतनी खतरनाक बन चुकी है कि किसी भी समय किसी की मौत इस तालाब में गिर कर हो सकती है स्कूल  जाने के वक्त छोटे-छोटे बच्चे इस तालाब के बगल से होकर गुजरते हैं  फिसलने से कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है स्त गांव वासी दर की आशंका में जी रहे हैं कि कहीं कोई बड़ी दुर्घटना ना हो जाए ।।



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